जल भी जीव है, हो उसका संरक्षण : साध्वी डॉ गवेषणाश्री


★ "जल है तो कल है" विषयक कार्यशाला का हुआ आयोजन

◆ भारत सरकार की अध्यक्षता में G20 के अन्तर्गत

■ C20 में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल चयनित

 गाँधीनगर, बंगलुरू 29.01.2023 ; अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में तेरापंथ महिला मंडल, गांधीनगर बेंगलुरु द्वारा C-20 के अन्तर्गत "जल है तो कल है" विषयक तेरापंथ सभा भवन में साध्वीश्री डॉ गवेषणाश्री आदि ठाणा चार के सान्निध्य में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ साध्वीश्री के मुखारविंद से मंगलमय नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से हुआ। महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी। 'लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट' प्रकृति के साथ जीवन पद्धति के अंतर्गत जीवन जीना कार्यशाला में तेरापंथ महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती जैन स्वर्णमाला पोकरणा ने अध्यक्षीय स्वागत स्वर प्रस्तुत किया। 

कार्यशाला में प्रबुद्धता का वैशिष्ट्य लिए विनय व समर्पण की सरिता, विद्वान विदुषी साध्वीश्री डॉ गवेषणाश्री ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा की जल भी एक जीव हैं। यह सत्य अब विज्ञान ने भी स्वीकार किया है हमें जल की सुरक्षा करनी ही होंगी। हमारे भीतर अहिंसा की चेतना जागृत होगी, तो जल की चेतना का विकास होगा। मानव बगैर भोजन के कई दिन रह सकता है, परंतु बगैर पानी 2 घंटे भी रहना कठिन है। हमें पानी की सुरक्षा करनी है। आज हम पानी खरीद कर पीते हैं, हमारे पुर्वजो ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि आने वाले समय में पानी बोतल में खरीद कर पीना पड़ेगा। चाहे अमीर हो या गरीब सबके लिए जल समान आवश्यक है। पानी बचाओ क्योंकि पानी पेड़ पर नहीं उगता। पानी का महत्व हम आज नहीं समझेंगे तो भविष्य में आने वाली पीढ़ी को जल के लिए बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। हमारे बच्चों के लिए हमें जल संरक्षण करना ही होगा। साध्वी श्री मेरुप्रभा, साध्वी श्री मयंकप्रभा, साध्वी श्री दक्षप्रभा ने "जल हैं तो कल है" विषय पर सुन्दर सामुहिक गीतीका की प्रस्तुति दी। 

 भारत सरकार द्वारा अभातेममं को G20 के अन्तर्गत C20 हेतु चयनित किया गया, जो अत्यन्त गौरव का विषय है। उक्त अवसर पर अभातेममं को C20 का logo एवं flag प्रदान किया गया।

 कार्यक्रम में उपस्थित अभातेममं की निवर्तमान महामंत्री श्रीमती वीणा बैद ने जल की रक्षा के कार्य को उच्च स्तर तक ले जाने एवं इस कार्य में पुर्ण रुप से सहयोग देने का लक्ष्य रखा। मुख्य वक्ता डॉ शोभा विजेंद्र गुप्ता ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें जल संरक्षण के कर्तव्य पर ज्यादा ध्यान देना है। जल संरक्षण के विभिन्न उपायों को हमें जल की रक्षा करनी है। इस कार्य का बेड़ा नारी शक्ति को उठाना है नारी एक बार जो ठान लेती हैं, वह कर के ही रहती है। नारी शक्ति को इस कार्य को करने में अपना पूरा श्रम लगाना है। इस कार्यक्रम के अतिथि श्री दीपक परिहार ने कहा जल को जीवन का महत्वपूर्ण अंग मानकर इस को बचाने के नए नए उपायों को अपनाना है। डॉ राजेंद्र पोद्दार ने कहा देश के कई क्षेत्रों में जल की आज भी बहुत समस्या है। विशेषकर नारी को इस समस्या का सामना करना पड़ता है पानी के बारे में  हमारा गलत दृष्टिकोण हैं। हम सोचते है, पृथ्वी पर बहुत जल है, परंतु धरती पर कुल 97% जल है और उसमें सिर्फ 3% पानी पीने योग्य है। हमें भविष्य में बहुत सावधान रहना होगा और जल को बचाने के नए-नए उपाय ढूंढने होंगे। महिला मंडल की बहनों ने "जल है तो कल है" विषय पर एक सुंदर नाटिका की प्रस्तुति की।  उपस्थित अतिथियों का शाल, माला एवं मोमेंटो द्वारा सम्मान किया गया। इस अवसर पर काफी संख्या में पत्रकार बंधु भी उपस्थित थे।

 श्रीमती प्रेषिता प्रियदर्शनी आच्छा एवं मंत्री श्रीमती सरस्वती बाफणा द्वारा कार्यक्रम का संचालन एवं मंडल की उपाध्यक्षा श्रीमती संतोष सोलंकी ने आभार व्यक्त किया। अभातेममं की कार्यकर्ता बहीने श्रीमती लता जैन, श्रीमती मधु कटारिया उपस्थित थे। अन्य गणमान्य व्यक्तित्व श्री बजरंग जैन, एम सी बरलोटा, सभी सभा संस्थाओं के पदाधिकारीगण, महिला मण्डल निवर्तमान अध्यक्षा श्रीमती शांतिजी, पूर्वाध्यक्षाएं, बैंगलोर शहर की सभी महीला मंडल की सम्माननीय अध्यक्षाएं, गांधीनगर सहमंत्री श्रीमती मीना आच्छा, श्रीमती ज्योतिबाई संचेती, कोषाध्यक्ष श्रीमती सुनीता मालू, खाबिया आदि सभी पदाधिकारी बहनें एवं कर्मठ कार्यकर्ता बहीनें उपस्थित रही।

 समाचार साभार : स्वर्णमाला पोकरणा

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