लक्ष्यनिर्धारण, संकल्पशक्ति हमें पहुंचाती मंजिल तक : साध्वी डा. गवेषणाश्री



◆ विद्यार्थियों को अणुव्रत आचार संहिता के तहत् व्यसन मुक्त, नशामुक्त रहने की दी प्रेरणा

◆ सफल बनने के लिए करवाये जीवन विज्ञान के प्रयोग

तिरुवतियुर/चेन्नई  - आचार्य महाश्रमण की सुशिष्या साध्वी डॉ गवेषणाश्री ने महावीर जैन विद्यालय, तिरुवतियुर, चेन्नई में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहाँ कि जीवन में बाधाएं, विपदाएँ समस्या आएगी, लेकिन हम डिगे नहीं, झुके नहीं, अपितु सम्मान पूर्वक सामना करे और आगे बढ़ते जाएं।

◆ अणुव्रत, जीवन विज्ञान अपना बने सफलतम

 साध्वीश्री ने बालक-बालिकाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन सफलतम बनाने के लिए आचार्य तुलसी द्वारा प्ररुपित अणुव्रत, जीवन विज्ञान- 'साइंस ऑफ लीविंग, आर्ट ऑफ लींविग जीवन जीने की कला' यदि हमने सीख ली, तो समझो जिन्दगी सफल। उसके लिए आवश्यक है लक्ष्य का निर्धारण, इच्छाशक्ति और संकल्पशक्ति की। नेपोलियन, कोलंबस आदि की सफलता का भी श्रेय पुरुषार्थ एवं संकल्पशक्ति रहा है।

 साध्वीश्री दक्षप्रभा ने भावपूर्ण गीतिका प्रस्तुत की। कर्मठ कार्यकर्ता तेरापंथ सभा मंत्री प्रमोद आच्छा ने साध्वीश्री का परिचय तथा साध्वीवृन्द की लाइफस्टाइल का जिक किया। जैन हाईस्कूल के अध्यक्ष पारसमल भंसाली ने स्वागत, आभार तथा अध्यापिक परिवार की ओर से कृतज्ञता ज्ञापन की। 


◆ करवाये प्रायोगिक प्रयोग और नशामुक्त, व्यसनमुक्त रहने के प्रत्याख्यान

 अन्त में साध्वीश्री ने स्मृति विकास, क्रोध का शमन, मन की एकाग्रता, कैसे मजबूत बने, सफल बने इत्यादि के लिए प्रेक्टिकल प्रयोग से बच्बों को लाभान्वित किया। अणुव्रत आचार संहिता के माध्यम से बीड़ी, सिगरेट, गुटका, पानपराग के साथ शराब आदि व्यसनों से दूर रहने का प्रत्याख्यान करवाया। इस अवसर पर तेरापंथ सभा अध्यक्ष सुभाष मरलेचा, प्रकाश गांधी, महावीर बांठिया, सुबोध सकलेचा, जतन ताराबाई नाहर, नीलम आच्छा इत्यादि उपस्थित थे। शानदार कार्यक्रम बच्चों के दिल एवं दिमाग को प्रभावित करने वाला रहा।