संस्कारों को पल्लवित व पुष्पित करने का उपक्रम ज्ञानशाला - साध्वी अणिमाश्री
★ ज्ञानशाला वार्षिकोत्सव व नए सत्र का शुभारम्भ
फरीदाबाद 02.04.2023 : साध्वीश्री अणिमाश्रीजी के सान्निध्य मे तेरापंथ सभा भवन में जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, फरीदाबाद के तत्वावधान मे ज्ञानशाला का वार्षिकोत्सव एवं नए सत्र की ज्ञानशाला का शुभारंभ कार्यक्रम, अभिभावकों की उपस्थिती मे शानदार ढंग से आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम के सफल संचालन मे ज्ञानशाला व्यवस्थापकों एवं प्रशिक्षिकाओं का श्रम प्रखर हुआ है।
साध्वीश्री अणिमाश्रीजी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन मे कहा कि भविष्यदृष्टा आचार्य श्री तुलसी ने तेरापंथ समाज के सुंदर भविष्य के निर्माण के लिए ज्ञानशाला का महत्वपूर्ण उपक्रम प्रदान किया। ज्ञानशाला एक ऐसा उपक्रम है जहां संस्कारों के सुमन खिलते हैं, उन सुमनों की सौरभ से पूरा वातावरण सौरभमय बन जाता है। ज्ञानशाला एक मंदिर है, जहां संस्कारों के दीप जलते हैं, उन दीयों के आलोक से पूरा वातावरण आलोकमय बन सकता है। ज्ञानशाला वह रसमई धरती है, जहां पल्लवित व पुष्पित होने वाला हर पौधा परिवार को शीतल छाया प्रदान कर सकता है। अभिभावक अपने बच्चों को संस्कारों की तालीम देने के लिए जागरूक बने। संस्कारों की तालीम सिर्फ ज्ञानशाला मे ही प्राप्त हो सकती है, इसलिए बच्चों को ज्ञानशाला जरूर भेजें।
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साध्वीश्रीजी ने कहा व्यवस्थापक्ष को सुदृढ़ता प्रदान करने सभा अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रही है। आज प्रशिक्षिकाओं का परिश्रम व पराक्रम बोल रहा है, अभिभावकों की जागरूकता और अधिक बढ़ें यही हमारी प्रेरणा है।
साध्वीश्री मैत्रीप्रभाजी ने कहा कि बच्चे परिवार की रौनक, समाज का भविष्य होते हैं, देश के भावी कर्णधार यह बालपीढ़ी ही है, इनको संस्कारित करना पूरी सदी को संस्कारित करना है।
डा साध्वीश्री सुधाप्रभाजी ने आगामी कार्यक्रमों की सूचना संप्रेषित करते हुए बच्चों की जीवन रूपी खेती को सरसब्ज बनाने की बात कही। साध्वीश्री समत्वयशाजी ने तीर्थंकर स्तुति का संगान कर सबको भक्तिमय बना दिया।
सभाध्यक्ष श्री गुलाबचन्दजी बैद ने कहा संस्कारविहीन विकास विनाश का कारण बन सकता है और संस्कारमय विकास प्रगति का द्वार उद्घाटित कर सकता है। ज्ञानशाला के पूर्व संयोजक श्री बहादुरसिंहजी दुगड़, मुख्य प्रशिक्षिका श्रीमती मंजुजी लूनीया ने विचार व्यक्त किए। आभार ज्ञापन सभा मंत्री श्री संजीवजी जैन ने किया व कार्यक्रम का सफल संचालन ज्ञानशाला संयोजक श्री राजेशजी जैन ने किया। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों दिहर जैन, पंखुड़ी जैन, भूमि जैन, यशवी जैन, तृशा बैद, ऋषभ बैद, कनिष्का जैन, मृगांक जैन, प्रियल रामपुरिया, हर्ष बांठिया, नंदनी जैन, हिमानी बेगवानी, दिव्यांक सिंघी, इत्यादि ने मनमोहक प्रस्तुतियाँ देकर सबका मन मोह लिया।
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