हर सुख-दुख में परिवार ही आता काम में : जैन स्वर्णमाला पोकरणा
★ प्रेम ननंद भाभी का कार्यक्रम समायोजित
बंगलूरु 02.03.2023: अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित तेरापंथ महिला मंडल, गाँधीनगर, बंगलुरू द्वारा 'उत्सव के रंग, रिश्तो के संग' के अंतर्गत "प्रेम ननंद भाभी का" कार्यक्रम का भव्य आयोजन होटल कनिष्का गांधी नगर में हुआ।
नमस्कार महामंत्र के सामुहिक स्मरण के बाद प्रेरणा गीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। तेरापंथ महिला मण्डल अध्यक्षा जैन स्वर्णमाला पोकरणा ने सभी का स्वागत करते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि रिश्तों के वृक्ष को प्रेम एवं विश्वास से सींचने की आवश्यकता होती हैं। हर सुख-दुख में परिवार ही काम में आता है। अपनें तों अपनें होते हैं।
ननंद भाभी के जोड़ों ने अपने-अपने खट्टे मीठे अनुभव साझा किए। साथ ही में गणगौर पर्व एवं सालभर में अलग-अलग दिनांक पर आने वाले सभी महीला मंडल की सदस्याओं के परिणय दिवस का एक साथ समारोह सजोडे आयोजन किया गया। भारतीय संस्कृति और सभ्यता में विवाह दो आत्माओं के साथ, दो परिवारों का मिलन होता है। विवाह के साथ दाम्पत्य जीवन में कई नये रिश्ते बनते हैं और इनको प्रसन्नता से निभानें की ज्यादातर जिम्मेदारी महीला वर्ग पर होती है और परिणय दिवस समारोह में यह एहसास होता है कि महिला कितने वर्षों से इन रिश्तों को मजबूती से निभातीं आयीं है एवं आगे भी ऐसे ही अपना अमूल्य योगदान परिवार को सुरक्षित रखती हुई, आनन्दमय दाम्पत्य जीवन व्यतीत करती हैं। इन परिवारिक रिश्तों में और एक रिश्ता है- ननन्द भाभी का। हमारे परिवार की एक बेटी किसी दूसरे परिवार में दिपक जलातीं है और किसी दूसरे परिवार की बेटी हमारे परिवार में आकर रोशनी फैलाती है और वहां बुन जाता है रिश्ता ननंद भौजाई का। यह रिश्ता वो है, जो हर बेटी किसी दूसरे परिवार की बहू रानी बन कर भी अपने मायके के रिश्तों को मजबूती से पकड़ कर स्नेह और शुभकामनाओं सहित हमेशा निभाती है। भाई, भाभी और उनके परिवार की खुशियां चाहती है। भाई भाभी भी ननंद को माता पिता के समान स्नेह सम्मान देते हैं। ननंद भाभी का रिश्ता प्यार की बेल के समान निरन्तर ऊपर चढ़ता हुआ एक अनुठा रिश्ता होता है। इस रंग बिरंगे रिश्तों के संग रंग-बिरंगा आनंदमय होली, गणगौर पर्व का भी उत्सव अति हर्ष और उल्लास से मनाया गया। कार्यक्रम में 45 जोड़ीयों ने भाग लिया। कई प्रकार के गेम्स खिलाए गए। दो बेस्ट जोड़ी विजेता, ननंद भौजाई ने नाटिका द्वारा अपने अनुभव को दर्शाया। तीन बेस्ट राजस्थानी परिधान एवं अन्य सभी विजेताओं को पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया। पधारें हुए अथितियों द्वारा इस कार्यक्रम की बहुत सराहना की।
कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती नीता गादिया द्वारा किया गया तथा आभार व्यक्त श्रीमती वसंता रायसोनी ने किया। बधाई विभाग प्रभारी जैन प्रेषिता प्रियदर्शिनी आच्छा ने कार्यक्रम का सुन्दर आयोजन किया। संगीतजी आंचलिया ने सुन्दर सहयोग दिया। गणगौर पूजन पर युवती विभाग ने सुन्दर नृत्य की प्रस्तुति दी। मोटिवेश्नल स्पीकर सीमाजी गादिया एवं नीलमजी चंडालिया ने मजबूत रिश्तों के विषय पर सुन्दर प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में मंत्री सरस्वती बाफणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनीताजी गांधी, उपाध्यक्ष संतोष जी सोलंकी, सहमंत्री मीनाजी आच्छा, लताजी कोचर, कोषाध्यक्ष सुनीताजी मालू, पिंकीजी खाबिया और कार्यकारणी बहनों के साथ महासभा से प्रकाशजी लोढ़ा, सभा से कन्हैयालालजी सिंन्घी, डॉ मनीषा भरतजी चोपड़ा, रविजी सामरा, प्रदीपजी शान्ती सकलेचा, जीतो अध्यक्षा सुनीताजी गांधी,
बिन्दु महेशजी रायसोनी, गौतमजी सियाल, इन्दरचंदजी गादिया, अशोकजी पोकरणा, नरेंद्रजी रायसोनी, नवीनजी अच्छा, किशोरजी गादीया, प्रणवजी पोकरणा, पारसजी डूंगरवाल, पारसजी धोका, महेंद्रजी नाहर, अशोकजी गिलुन्डिया, विमलजी गादिया, संजयजी मालू, पारसजी गादिया, संजयजी सुराणा, पवनजी खाबिया, विकासजी मरोठी, जवरीलालजी दुगड़, रूपचन्दजी देर्सला आदि अन्य गणमान्य कर्मठ कार्यकर्ता सजोडे उपस्थित थे। सभी पधारें हुए अतिथियों ने स्वरूचि भोजन का आनन्द लिया एवं कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए बहुत आनंद की अनुभूति की।
समाचार साभार : जैन स्वर्णमाला पोकरणा
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