क्रुरता के बिना कैसी हो जीवन शैली विषयक कार्यशाला का आयोजन
◆ बी एल आच्छा ने बताया अहिंसा का महत्व
★ महिला मण्डल द्वारा अहिंसा बनाम हिंसा पर आधारित हुई प्रतियोगिताएं
चेन्नई : अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार तेरापंथ महिला मंडल चेन्नई के तत्वावधान में हिंसा Vs अहिंसा कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सामुहिक नमस्कार महामंत्र से हुआ। तत्पश्चात महिला मंडल द्वारा प्रेरणा गीत का संगान हुआ। अध्यक्षा पुष्पा हिरण ने स्वागत स्वर प्रस्तुत करते हुए अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। महिला मंडल द्वारा लघु नाटिका की सुंदर प्रस्तुति रही।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रबुद्ध हिंदी साहित्यकार एवं अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित श्री बी एल आच्छा को आमंत्रित किया गया। मुख्य वक्ता का परिचय सहमंत्री कंचन भंडारी ने दिया।
श्री बी एल आच्छा ने हिंसा अहिंसा को सुंदर एवं स्पष्ट शैली में प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज हम प्राकृतिक जीवन शैली से दूर होकर धर्म से दूर हो रहे हैं। मानसिक, वाचिक और कायिक हिंसा से बचने का प्रयास करें। अनेक कथा एवं उदाहरण के माध्यम से हिंसा, अहिंसा की परिभाषा को प्रस्तुत किया।
तत्व प्रचेता दीपाली सेठिया ने तत्वज्ञान की भाषा में हिंसा और अहिंसा की पहचान के कई सूत्र बताए एवं कालू तत्व शतक बोर्ड गेम के माध्यम से अनेक प्रश्नोत्तर किए।
हिंसा Vs अहिंसा विषय पर Video Making Competition रखा गया, उसमें प्रथम स्थान प्राप्त किया श्रीमती वंदना पगारिया ने द्वितीय श्रीमती रक्षा आच्छा ने। Slogan Competition में प्रथम स्थान प्राप्त किया सुभद्रा लुणावत एवं द्वितीय स्थान प्राप्त किया राजेश्वरी रांका ने। सभी प्रतियोगी बहनों को महिला मंडल द्वारा पुरस्कृत किया गया।
मुख्य वक्ता श्री बी एल आच्छा का महिला मंडल द्वारा अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम का संचालन मंत्री रीमा सिंघवी ने किया। सभी ने उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में पदाधिकारी एवं कार्यसमिति सदस्यों का विशेष सहयोग रहा। धन्यवाद ज्ञापन सहमंत्री लता पारख ने दिया।
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