सामंजस्य के सेतु से घर बनता खुशहाल : मुनि अर्हतकुमार

★ पालघर में सुखी दंपति कार्यशाला का आयोजन

पालघर :  शांतिदूत, युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री अर्हत् कुमारजी के सान्निध्य में "सुखी दांपत्य जीवन का राज" कार्यशाला का आयोजन शनिवार 18 मार्च, सायं 8:30 बजे से तेरापंथ सभा भवन में किया गया।

मुनिश्री अर्हतकुमारजी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि धरती पर स्वर्ग कब उतर आता है, जब किसी परिवार में खुशहाली छाई रहती है। रिश्ते बनाना आसान होता है, पर रिश्ते को निभाना बहुत मुश्किल होता है। आज के युग में पढ़ाई बढ़ गई है, पर गढ़ाई घट गई है। परिवार का अहम रिश्ता होता है पति-पत्नी का, अगर पति पतंग बन जाए, तो पत्नी उसकी डोर बन जाए। आपस में सामंजस्य का सेतु बनाए रखे। हम अपने घर को एयर कंडीशन बनाने से पहले अपने दिमाग को एयर कंडीशन बनाए। आग्रह से बचे। एक दूसरे को सहन करने की आदत डालें। मन की बात कहे, जिससे फैसले हो सके। मन की बात मन मे रखने से फासले हो जाते हैं।  

मुनिश्री भरतकुमारजी ने कहा कि सामजस्य का फार्मूला जब करेगा अमल, एक दूसरे के प्रति रखेगे भाव विमल, तभी होगा हैप्पी कप्पल, खुशी डबल, आपका जीवन होगा सफल।

 महिला मंडल द्वारा सुखी दाम्पत्य जीवन पर रोचक परीसवांद की प्रस्तुति दी। आभार ज्ञापन तेयुप अध्यक्ष कांती परमार ने किया। कार्यशाला में स्थानकवासी, मूर्तिपूजक समाज के साथ सफाले, बोईसर के श्रावक श्राविकाओं की उपस्थिति रही। 

समाचार प्रदाता : दिनेश राठोड़


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