रासप्रौसं द्वारा हिन्दी भाषा की बेहतर जानकारी के लिए आयोजित की गई कार्यशाला
◆ राजभाषा उन्नयन 2022 कार्यशाला का एक दिवसीय सफल आयोजन
★ हिन्दी भाषा में वाद-विवाद, स्वरचित कविता, काव्यगोष्ठी में प्रतिभागियों ने दिखाई प्रतिभा
चेन्नई ; राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT), चेन्नई में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने और हिंदी में कार्य करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक दिवसीय राजभाषा उन्नयन-2022 कार्यक्रम मंगलवार 20 दिसम्बर को आयोजन माननीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री जितेंद्रसिंह की पहल पर किया गया। इस कार्यक्रम में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के हिन्दी ज्ञान को बेहतर बनाने के लिए एक कार्यशाला, एक तकनीकी राजभाषा संगोष्ठी, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं काव्यगोष्ठी का आयोजन संयुक्त निदेशक (राजभाषा) श्री मनोज अबुसरिया की निगरानी में एवं हिन्दी सलाहकार समिति की माननीय सदस्य (गैर-सरकारी) डॉ.कुसुम लुनिया, दिल्ली के निर्देशन में किया गया।
भारतीय संस्कृति का अनुपालन करते हुए दीप प्रज्ज्वलन एवं मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
संस्थान के निदेशक डॉ जी.ए. रामदासजी द्वारा स्वागत भाषण दिया गया एवं सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य सचिव एवं दक्षिण रेलवे के उप महाप्रबन्धक राजभाषा डॉ. दीनानाथ सिंहजी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। भारत मौसम विज्ञान विभाग, चेन्नई से मौसमविज्ञानी (सेवानिवृत) डॉ. के वी बालसुब्रमनियणजी एवं हिन्दी शिक्षण योजना से हिन्दी प्राध्यापक सुश्री श्वेता वर्मा को इस कार्यक्रम में हिन्दी एवं तकनीकी कार्यशाला में व्याख्यान देने हेतु आमंत्रित किया गया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में सुश्री श्वेता वर्मा ने “कार्यालयीन शब्दावली, लघु टिप्पणियां एवं व्याकरणिक भूलें” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। के वी बालसुब्रमनियण द्वारा “मौसम पूर्वानुमान गलत होते हैं-क्यों” विषय पर एक तकनीकी विचार प्रस्तुत किये। भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय एवं विज्ञान व प्रोधोगिकी मंत्रालय की संयुक्त हिन्दी सलाहकार समिति की सदस्या डॉ. कुसुम लुनिया (सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवंअणुविभा की संगठन मन्त्री) जो विशेष रूप इस कार्यक्रम को संपादित करने दिल्ली से पंहुची। उन्होंने बताया कि इन दोनो विभागों के माननीय मंत्री श्री जितेन्द्रसिंहजी की अध्यक्षता में 6 जुन 2022 की बैठक में निर्णय लिया गया था कि प्रत्येक तिमाही में मंत्रालय के अधीन आने वाले किसी एक संस्थान में हिन्दी संबधी गतिविधि आयोजित की जाये, तद्अनुसार आयोजन हेतु हमने इस संस्थान का सर्वप्रथम चयन किया। क्योंकि विभिन्न महात्वाकांक्षी परियोजनाओं को सफलतापुर्वक गतिशील करते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के आत्मनिर्भर भारत : सशक्त भारत के सपने को साकार कर रहा है। डॉ कुसुम लुनिया ने NIOT के वैज्ञानिकों द्वारा देश सेवा के लिए किये जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए, उनकी सराहना की।
रासप्रौसं के स्टाफ सदस्यों ने दोनों ही कार्यक्रमों में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री वी शंकर रामसुब्रमण्यन एवं कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी नीतू द्वारा इस कार्यक्रम का कुशल संचालन किया गया। कार्यक्रम के दौरान संस्थान की ई-पत्रिका ‘समुद्रिका’ के छठे संस्करण का विमोचन भी किया गया।
इस पत्रिका के पहले अंक का विमोचन जनवरी 2020 में संसदीय राजभाषा समिति द्वारा किया गया था। तब से अब तक समयानुसार इस पत्रिका का प्रकाशन किया जा रहा है। इस पत्रिका में राजभाषा के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषा में भी लेख प्रकाशित किए जाते हैं। ये लेख संस्थान के स्टाफ सदस्यों द्वारा ही लिखे जाते हैं।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में स्टाफ सदस्यों के लिए वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें तकनीकी विषयों को भी जोड़ा गया। इस कारण यह प्रतियोगिता और भी रोमांचक बन गई। स्टाफ सदस्यों के लिए एक काव्यगोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें हिन्दी भाषी स्टाफ सदस्यों ने तो भाग लिया ही, साथ ही हिंदीतर भाषी स्टाफ सदस्यों ने भी कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्बन टैक्स लगाना चाहिए या नहीं? एवं ध्वनि प्रदूषण से समुद्री जीवों को नुकसान होता है इत्यादि 15 विषयक वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेता निम्नानुसार रहे :
प्रथम - श्रीमती श्वेता, श्री शबीर ए, श्री संकेत, श्री निखिल
द्वितीय पुरस्कार - श्री आनंद किशोर, जी धनलक्ष्मी, श्री एस वीरा रागवन
तृतीय - श्रीमती सरोजिनी मौर्य, श्री सुरेशजी, श्री अब्दुल रहीम
प्रोत्साहन - श्रीमती अनुराधा, श्रीमती वत्सला, श्री आर सुरेन्द्र, श्री स्टेलिन
सांत्वना - श्री मनोज पाटीदार, श्री शंकर कुमार, श्रीमती ईश्वरी
स्वरचित कविता-पाठ प्रतियोगिता हिन्दी भाषी एवं हिंदीतर दो श्रेणियों मे थी। हिन्दी भाषी स्टाफ सदस्यों में विजेता निम्नानुसार रहे :-
प्रथम - श्री संकेत
द्वितीय - श्री आनंद निकुंब
तृतीय पुरस्कार - श्रीमती करुणा
हिंदीतर सदस्य विजेता
प्रथम - श्री स्टेलिन
द्वितीय - श्री पंडिराजन
तृतीय - श्रीमती वत्सला
मुख्य अतिथि एवं निर्णायकगण के कर कमलों से विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। अन्त में सुश्री नीतू हुड्डा ने कृतज्ञता ज्ञापित की। इस प्रकार राजभाषा से उन्नयन के संकल्प की सौरभ से सुरभित यह कार्यक्रम नई संभावनाओं के साथ सम्पन्न हुआ।
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