भक्ति की नगरी में, भक्ति का पढ़ाया पाठ


मीराबाई के भक्ति धाम, मेडता सिटी में महाश्रमण ने भक्तों को शुद्ध, समर्पण भाव से भक्ति में लीन होने का दिया संदेश


★ भक्ति हो सकती है व्यक्ति परक (शक्तिशाली मित्र आत्मा)

  और

सिद्धांत परक (सदगुण, त्याग, संयम)

★ भक्ति से बन सकते है अभय और होता शक्ति का जागरण

★ निशर्त, निच्छल भक्ति होती पवित्र

★ भक्ति से होता अहंकार का नाश

★ भक्ति के साथ तादात्म्य भाव जुड़ जाना, आराध्य में तन्मय बन जाना, खो जाना।

★ निर्मल भक्ति से चेतना का उत्थान और आत्मा का कल्याण हो सकता है।

★ नमस्कार महामंत्र भक्ति का भण्डार

★ अभयदान सर्वश्रेष्ठ दान

★ भक्ताम्बर जैन मान्यता का सर्वमान्य तत्व, एक भक्ति का स्त्रोत है

★ भक्ति के साथ सदाचार, आचरण पवित्र होने से शक्ति प्राप्त हो जाती हैं




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