कल्याण मन्दिर स्तोत्र का प्रभाव जन मन पर : मुनि मोहजीतकुमार 

'विघ्नहर ह्रींकार अनुष्ठान' का हुआ आयोजन

बालोतरा 20.10.2022 : युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि मोहजीतकुमारजी के सान्निध्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की आयोजना में विघ्नहर ह्रींकार अनुष्ठान का आयोजन बाड़मेर जिले के बालोतरा नगर के न्यू तेरापंथ भवन, आचार्य महाश्रमण मार्ग में किया गया।

 अनुष्ठान का शुभारम्भ नमस्कार महामन्त्र के साथ मुनि भव्यकुमारजी द्वारा प्रभु पार्श्वनाथ की स्तुति संगान से हुआ। मुनि मोहजीतकुमार ने विघ्नहर ह्रींकार के महत्व को प्रकट करते हुए कहा कि कल्याण मन्दिर स्तोत्र की रचना उज्जयनी के शिव मन्दिर में शिवलिंग के सम्मुख आचार्य सिद्धसेन ने की, जिसका प्रभाव आज भी जन-जन के मन पर है। आचार्य सिद्धसेन द्वारा रचित स्तोत्र के 11वें श्लोक के साथ भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा का प्रकटीकरण हुआ। उसी समय से यह स्तोत्र विघ्न हरण अनुष्ठानों की कड़ी से जुड़ गया।

 संयोजक मुकेश सालेचा ने बताया कि इस अनुष्ठान में 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की स्तुति में आचार्य सिद्धसेन द्वारा रचित कल्याण मंदिर स्तोत्र को सस्वर लयबद्ध प्रस्तुतिकरण मुनि जयेशकुमार ने किया। विघ्नहर ह्रींकार अनुष्ठान ह्रीं की विशाल आकृति में समायोजित था। इस आकृति में दम्पतियों की गणवेश में उपस्थिति अनुष्ठान सिद्धि का आधार रहा। 

 इस अनुष्ठान के समायोजन में तेरापंथी सभा, युवक परिषद्, महिला मण्डल, किशोर मण्डल, कन्या मण्डल का योग सफलता का सूचक था। इस अनुष्ठान में जैन ओम की सुंदर रंगोली का निर्माण ऋषिका चौपड़ा और विधि भंसाली ने किया। कार्यक्रम में आगन्तुक अतिथियों एवं अनुष्ठान संभागियों का स्वागत सभा अध्यक्ष धनराज ओस्तवाल, आभार सभा मंत्री महेन्द्र वैदमुथा और अनुष्ठान संयोजक मुकेश सालेचा ने किया।

समाचार सम्प्रेषक : नवीन सालेचा



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