दीपावली व भगवान महावीर निर्वाण दिवस का उत्साहपूर्वक आयोजन
भगवान महावीर चमकते हुए सूर्य थे - मुनि जिनेशकुमार
कटक उड़ीसा : युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेशकुमारजी ठाणा 3 के सान्निध्य में दीपावली के अवसर पर त्रिदिवसीय कार्यक्रम धनतेरस, दीपावली व भगवान महावीर निर्वाण दिवस अनुष्ठान समारोहपूर्वक श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ।
उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेशकुमार ने कहा कि दीपावली ज्योति का पर्व है। यह पर्व जीवन में प्रकाश फैलाने की प्रेरणा प्रदान करता है। दीपावली समृद्धि का पर्व है। इस पर्व पर भौतिक समृद्धि बढ़ाने की कामना से पहले आध्यात्मिक समृद्धि बढ़ाने का संकल्प करना चाहिए, क्योंकि भौतिक समृद्धि तभी सुख दे पाएगी, जब जीवन में आध्यात्मिक समृद्धि होगी। दीपावली एक ओर भगवान राम से जुड़ी हुई है, वहीं दूसरी और भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के साथ जुड़ी हुई है। कार्तिक अमावस्या की रात्रि में भगवान महावीर पावापुरी में दो दिन के संथारे पूर्वक निर्वाण को प्राप्त हुए।
भगवान महावीर भारत वर्ष के चमकते हुए सूर्य थे। उन्होंने अपने ज्ञान के द्वारा जन-जन में व्याप्त अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने का प्रयत्न किया। उन्होंने जगत को अहिंसा, अनेकान्त व अपरिग्रह का सिद्धान्त देकर बहुत बड़ा उपकार किया। उनकी अहिंसा बहुत सूक्ष्म है। उनके सिद्धान्तों का अनुसरण सही ढंग से किया जाए तो विश्व की अनेक समस्याओं का समाधान सहज संभव है।
मुनि श्री परमानंद ने कहा कि भगवान महावीर के कर्मवाद सिद्धान्त को समझने वाला अपने जीवन को सुख-शांति, व सौहार्द्र के साथ व्यतीत कर सकता है। दीपावली ज्ञान की चेतना को जागृत करने का पर्व है। मुनि श्री कुणालकुमार ने सुमधुर गीत का संगान किया।
इस अवसर पर आध्यात्मिक अनुष्ठान, जप, तप व वृहद् मंगल पाठ का आयोजन हुआ। जिसमें श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष मोहनलाल सिंधी ने दीपावली की शुभकामनाएँ प्रेषित की।
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